मैं तुम्हें नहीं मानता
जाओ कर लो
जो बन पड़े
होगे तुम सर्वशक्तिमान
तुम्हारी मूर्तियां
मुझे कला के तौर पर
तो लुभाती हैं
पर लगवा नहीं पाई
कभी पूजा पाठ में ध्यान
तुम्हारे आस्थावान
भक्तों की
क्रूर यातनाएं बताती हैं मुझे
कि तुम वाकई हो
कितने महान
तुम दिखाई नहीं देते है
ये जो प्रश्नचिह्न है
अस्तित्व पर
तुम्हारे उपासकों के लिए है
सर्वोपरि प्रमाण
जितना दबाव डालते हैं
तुम्हारे पूजक मुझ पर
मेरी आस्था
मेरे तुमको न मानने में
होती रही उतनी बलवान
मैं नहीं मानता
तुमको कि हो तुम
कहीं भी
जाओ तुम
होगे खुद के भगवान....
Wednesday, August 4, 2010
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